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Banaras ने बर्मिंघम के लिए रचा इतिहास

Banaras ने बर्मिंघम के लिए रचा इतिहास

Banaras ने बर्मिंघम के लिए रचा इतिहास, Banaras बनी पहली साउथ एशियन खिलाडी जो बर्मिंघम के लिए FA कप मे 16 साल की उमर मे खेलने जा रही है। banaras कि माँ इंग्लैंड से है और उनके पिता पाकिस्तान से है। banaras ने बर्मिंघम क्लब को अपने 8 साल कि उम्र मे शुरू किया था और उसके 8 साल के बाद उन्हे उसी टीम के सीनियर टीम मे खेलने का मौका मिल रहा है।

Banaras बनने जा रही है बर्मिंघम सिटी कि नई स्टार

Banaras जो बर्मिंघम मे 8 साल से, खेल रही है, FA कप के तीसरे राउंड मे उनके लिए शुरुआत कि जहाँ बर्मिंघम 4-0 से आगे होकर FA कप के चौथे राउंड मे प्रवेश कर गया। बर्मिंघम के मेनेजर डरेन् कार्टर बेहद खुश थे इस युवा खिलाडी को मौका देने मे, और उन्होंने कहा कि वे इस टीम मे शामिल होने कि पूर्ण हकदार थी। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने अपने इस मौके को कमाया है।

जिस दिन से वो इस ग्राउंड मे अपना प्रशिक्षण ले रही तब से उन्होंने अपने आप को बेहतर ही बनाया है। और आज उन्होंने अपने आप को इस मुकाम पर ला खडा किया जिस वजह से हमे उस पर बहुत गर्व हो रहा है। इस अकादमी को बढ़ता हुआ देख मुझे भी बेहद खुशी हो रही है। और भी खिलाडी डेल्फी, एबी ऐसे कही और उभरते खिलाडी इस क्लब मे है।

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पर banaras इन मे से सबसे अलग है और आगे जा कर वो एक कमाल कि फुटबॉलर बन सकती है। और आज का मुकाबला एक दम सही था उन्हे उतारने मे और उन्होंने भी अपने खेल का बेहतरीन मुजयरा किया। banaras जिनकी माँ एक ब्रिटिश है और पिता पाकिस्तान से है, वह एक पूर्व ओएसिस अकादमी हॉबमूर छात्र है, और सोलिहुल मूर्स एफसी में फुटबॉल खेलना शुरू किया।

Banaras दोनो तरह के खेल से वकीब है एक वो डिफ़ेंस मे भी खेलती है और मिड फील्ड मे भी खेलती है। उन्होंने अपने अंडर 16 टीम कि कप्तानी भी करी है जो उन्हे एक और मेहत्वपूर्न खिलाडी बनाता है। हमे आशा है कि वो इसी तरह टीम के हित मे अपना सयोग देते रहे।

Satish Kumar
Satish Kumarhttps://footballskynews.com/
मैं फुटबॉल का प्रशंसक हूं और फुटबॉल के बारे में लिखना पसंद करता हूं। मैंने अपनी पसंदीदा टीमों पर एक ब्लॉग पोस्ट लिखा है,

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